पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत लाखों किसानों को लेकर बोट क्लब पहुँच कर धरने पर बैठ गए थे. माँग थी कि गन्ने की फ़सल के दाम ज़्यादा मिलें और बिजली-पानी के बिलों में छूट मिले, जो पूरी भी हुई. मौजूदा आंदोलन अब दो हफ़्ते से ज़्यादा चल चुका है और दिल्ली के बॉर्डर पर डटे लाखों किसान इस माँग पर अड़े हुए हैं कि कुछ महीने पहले लागू हुआ नया कृषि क़ानून वापस लिया जाए. दूसरी तरफ़ सरकार उनसे बातचीत करने की इच्छुक दिखी है लेकिन नए किसान क़ानून को वापस लेने या पूरी तरह से बदलने की बात किए बिना. इस बीच तीन बड़े सवाल हैं जिनके जवाब शायद आप भी जानना चाहेंगे.