नई दिल्ली, किसान आंदोलन को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। होम मिनिस्ट्री ने मंगलवार शाम को पंजाब सरकार को एक खत लिखा था और कानून व्यवस्था पर चिंता जताई थी। केंद्र ने कहा था कि राज्य सरकार किसानों को बॉर्डर पहुंचने दे रही है। इसके अलावा उपद्रवियों को पत्थरबाजी करने और कानून व्यवस्था खराब करने की छूट दी जा रही है। इस पर पंजाब सरकार ने जवाब दिया है और उलटे केंद्र से ही कहा है कि किसान आंदोलनकारियों पर आपको नरम रुख अपनाने की जरूरत है।
पंजाब सरकार के मुख्य सचिव ने गृह मंत्रालय को जवाब दिया, ‘किसानों पर थोड़ा नरमी बरतने की जरूरत है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग है, इसलिए किसान वहीं पर हैं। हम उन्हें बॉर्डर पर पहुंचा रहे हैं या फिर कानून व्यवस्था खराब है। ऐसी बातें कहना गलत है। पंजाब सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखा है।’ पंजाब की AAP सरकार ने कहा कि हम तो किसानों के साथ केंद्र की वार्ता में भी मदद कर रहे हैं। यही नहीं केंद्र सरकार की ओर से 5वें राउंड की वार्ता का प्रस्ताव रखे जाने पर भी किसानों ने जवाब दिया है। शंभू बॉर्डर पर डटे किसान आंदोलनकारियों के नेताओं ने धरना स्थल पर ही मीटिंग की और अब केंद्र सरकार को जवाब दिया है।