जालंधर, किसानों को पराली/फसल अवशेषों को न जलाकर उचित प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए अभियान के तहत आज सब डिवीजन नकोदर और शाहकोट के गांवों में जागरूकता कैंप लगाए गए।
डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने इस संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि जागरूकता अभियान के तहत प्रशासन जिले के प्रत्येक गांव तक पहुंच रहा है ताकि घर-घर तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि जागरूकता के साथ-साथ किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आवश्यक कृषि मशीनरी भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पराली/फसल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए किसानों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है और इस उद्देश्य के लिए जिला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर 0181-2225005 भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान पराली/अपशिष्ट प्रबंधन में मदद के लिए इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से पराली जलाने के बजाय उसके उचित प्रबंधन को प्राथमिकता देने की अपील की।
प्रशासन द्वारा चलाए गए इस अभियान के तहत आज सब डिवीजन नकोदर के गांव बोपाराय कलां और गोहिर में जागरूकता कैंप लगाए गए, इस दौरान एस.डी.एम. नकोदर लाल विश्वास ने फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुक्सान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे जहां मिट्टी की उर्वरता कम होती है, वहीं पर्यावरण प्रदूषित होने से मनुष्य, पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने किसानों से कहा कि धान की कटाई के बाद पराली को आग लगाने की बजाय आधुनिक तकनीक से उसका प्रबंधन करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है, जिसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए।इसी तरह सब डिविजन शाहकोट के गांव कुलार में भी जागरूकता कैंप लगाया गया, जिसमें जिला राजस्व अधिकारी नवदीप सिंह भोगल और तहसीलदार शाहकोट गुरदीप सिंह संधू ने किसानों को पराली/फसल अवशेष न जलाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने की अपील की।