लखनऊ, आज कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी श्री सूर्य पाल गंगवार द्वारा राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राजस्व न्यायलयो के संचालन के संबंध में अवशयक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया की न्यायलयो के संचालन के संबंध में पूर्व में भी दिशा निर्देश जारी किए गए थे, जिसमे प्रतिदिन समय से न्यायलयो के संचालन के बारे में कहा गया था। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा उत्तर प्रदेश राजस्व न्यायलय मैनुअल के बारे में विस्तार से समझाया गया।
बैठक की शुरुआत जिलाधिकारी द्वारा चकबंदी के वादों की समीक्षा से की गई। समीक्षा के दौरान संज्ञान में आया की 5 वर्ष से ऊपर के 16 वाद अभी भी लंबित है। जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारी को शो कास नोटिस जारी करते हुए अगले 15 दिनों में 5वर्ष के ऊपर के सभी लंबित वादों का शत प्रतिशत निस्तारण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा तहसील स्तर पर भी समय सीमा से ऊपर लंबित वादों की समीक्षा की गई और निर्देश दिए गए की अगले 15 दिनों में डे बाई डे तारीख लगा कर शत प्रतिशत वादों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही निर्देश दिया की सभी तहसीलें अपने अपने यहां के बार के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके समन्वय स्थापित करे।
उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 80 के समय सीमा के ऊपर के लंबित वादों की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया की किसी भी तहसील में समय सीमा के ऊपर धारा 80 का कोई वाद लंबित नही है। जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा प्रशंशा की गई। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 24 के लंबित वादों की भी समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया की अभी भी तहसीलों में 1 वर्ष के ऊपर के कुछ वाद लंबित है। जिसके लिए निर्देश दिए गए की आज ही लेखपाल और कानूनगो बैठक बुलाते हुए लिखित पैमाईश का शेड्यूल जारी करके जिलाधिकारी को अवगत कराया जाए और शेड्यूल का अनुपालन न करने वाले लेखपाल और कानूनगो के विरुद्ध कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा धारा 34 के संबंध में निर्देश दिए गए की कृषि भूमियों की को रजिस्ट्री हो रही है उसमे म्यूटेशन के दौरान जो प्रावधान आवश्यक है उसको रजिस्ट्री करते समय रजिस्ट्री में अंकित किया जाए, ताकि म्यूटेशन के समय सुविधा रहे। उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा धारा 116 के वादों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने बताया की धारा 116 के कितने प्रकरण लंबित है उसकी सूची दो श्रेणियों में बनाई जाए।
उक्त के बाद जिलाधिकारी द्वारा आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया की आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र वरीयता से बनाए जाए। यदि मैनपावर की आवश्यकता है तो मैनपावर की मांग करते हुए उक्त प्रमाण पत्रों को वरीयता से जारी किया जाए।
उक्त के बाद बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा IGRS व मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रकरणों की समीक्षा से की गई। उन्होंने निर्देश दिए कि IGRS प्रकरणों के सभी निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हो। IGRS के प्रकरणों के सम्बंध में किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश्त नही किया जाएगा। IGRS के प्रकरणों में यदि कोई भी अनियमितता पाई जाती है तो कार्यवाही निश्चित है। उक्त के साथ ही समाधान दिवस के प्रकरणों का ससमय गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कोई भी प्रकरण समय सीमा के बाहर नहीं जाना चाहिए। उक्त के साथ ही प्रकरणों के निस्तारण के बाद शिकायतकर्ताओं को कॉल करके उनका फीडबैक भी लिया जाए। बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए की तहसील के सभी पटलो पर प्राप्त होने वाली शिकायतो के निस्तारण का सत्यापन कराना सुनिश्चित किया जाए। अवशयकतानुसार शिकायतकर्ताओं से कॉल करके उनका फीड बैक भी लिया जाए