जालंधर, राष्ट्रीय कानूनी सेवाए प्राधिकरण और पंजाब कानूनी सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार, जिला एवं सेशन न्यायाधीश- कम-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, जालंधर, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण निरभऊ सिंह गिल के मार्गदर्शन में, सिविल और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा न्यायिक न्यायालयों में लंबित आपराधिक मुकदमों तथा बैंक, बिजली विभाग, वित्तीय संस्थाओं जैसे अन्य संस्थानों के संभावित मुकदमों एवं प्री-लिटिगेटिव मुकदमों को राजीनामा के माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत लगायी गई।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश निरभऊ सिंह गिल ने बताया कि आज जिला जालंधर में 19, नकोदर और फिल्लौर में 2-2 (कुल 23) बैंच स्थापित की गईं। आज की लोक अदालत की अध्यक्षता धरमिंदर पाल सिंगला, अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश, तरणजीत अरोड़ा, अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश, वनीत कुमार नारंग, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, (अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीशों का समूह), हरप्रीत कौर, ए.सीजेएम, इंद्रजीत सिंह, अतिरिक्त सिविल जज (सी¸ डिवीजन) वरुणदीप चोपड़ा, कुलविंदर कौर, रवतेश इंद्रजीत सिंह, रामपाल सिंह, रमनदीप कौर, माणिक कौरा, रसवीन कौर, रेनुका कालरा, सरवीन संधू और महिंदर प्रताप सिंह लिबरा (ग्रुप सिविल जज) ), दलजीत सिंह रल्हन, पीठासीन अधिकारी, औद्योगिक न्यायाधिकरण, हरवीन भारद्वाज, अध्यक्ष, उपभोक्ता न्यायालय, जगदीप सिंह मरोक, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत और एकता सहौता एसडीजेएम, नकोदर, हरसिमरनजीत कौर, जेएमआई, नकोदर, हरसिमरनजीत कौर, जे. एम.आई. सी, फिल्लौर और गौरव कुमार शर्मा, जे. एम आई सी, फिल्लौर द्वारा बनाया गया।
आज लोक अदालत में कुल 48012 मामले सुनवाई के लिए रखे गये थे, जिनमें से 46967 मामलों का राजीनामा के माध्यम से मौके पर ही निपटारा किया गया। इन मामलों में कुल 378645228 (37 करोड़ 86 लाख 45 हजार 228/-रुपये) का निपटारा किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि लोक अदालतों का उद्देश्य लोगों को त्वरित एवं सस्ता न्याय दिलाना है। लोक अदालत का निर्णय अंतिम होता है और इसके निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से निर्णय लेने से धन और समय की बचत होती है और समुदाय भी बढ़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि अगली राष्ट्रीय लोक अदालत 14 दिसम्बर 2024 को आयोजित की जायेगी।
इस अवसर पर सी.जे.एम. सह सचिव जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण जालंधर राहुल कुमार आज़ाद ने कहा कि समय-समय पर कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा ये लोक अदालतें आयोजित की जाती हैं ताकि अदालतों में लंबित ऐसे मुद्दों को आपसी बातचीत के माध्यम से निपटाया जा सके। जो मुद्दे अभी तक कोर्ट तक नहीं पहुंचे हैं लेकिन हल न होने पर कोर्ट में आ जाते हैं, जैसे बैंक, टेलीफोन और बिजली विभाग के बिलों का देर से भुगतान आदि को भी समझौते के जरिए निपटाने की कोशिश की जाती है। लोक अदालत में मामला उठाने और अन्य कानूनी सेवा सुविधाओं की जानकारी के लिए पंजाब कानूनी सेवा प्राधिकरण के टोल फ्री नंबर 15100 पर संपर्क किया जा सकता है।इस अवसर पर केन्द्र में ए.डी.आर., सी.टी. लॉ कॉलेज, के.सी.एल. लॉ कॉलेज और सेंट सोल्जर लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों को भी नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया।