जालंधर, जिले के 7 गांवों के किसानों को जल्द ही अपनी कृषि भूमि की सिंचाई के लिए बस्ती पीरदाद में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए डा. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि 7.10 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है, जिसके पूरा होने से इन गांवों के किसानों 550 हेक्टेयर कृषि भूमिको आसपास सिंचाई के लिए उपचारित पानी की सुविधा मिलेगी।
जालंधर स्मार्ट सिटी के तहत यह प्रोजेक्ट भूमि एवं जल संरक्षण विभाग द्वारा डिपॉजिट प्रोजेक्ट के तौर पर क्रियान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत कुल 20 किलोमीटर भूमिगत पाइपलाइन बिछाई जानी है, जिसमें से 17 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है।
डिप्टी कमिश्नर कहा कि बस्ती पीरदाद में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (25 एमएलडी) से उपचारित पानी को 72 लीटर प्रति सेकंड की डिस्चार्ज क्षमता के साथ भूमिगत पाइप और पंप सेट के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है और अक्टूबर के अंत तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा, जिससे बस्ती पीरदाद, गिल, चमियारा, संगल सोहल, सफीपुर,गाखला और कतालूपुर गांवों के किसानों को फायदा मिलेगा।
इस परियोजना से जहां भूजल की बचत होगी वहीं किसानों को भी लाभ होगा क्योंकि उनका बिजली, ट्यूबवेल चलाने के लिए डीजल तथा बोर को गहरा करने का खर्च कम हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे खराब सिंचाई संसाधन गिरते भूजल स्तर को और नीचे जाने से रोकने में बेहद मददगार साबित हो सकते हैं।
भूमि एवं जल संरक्षण विभाग पंजाब उपमंडल भूमि संरक्षण अधिकारी जालंधर इंजी. लुपिंदर कुमार ने कहा कि सिस्टम निगरानी उपकरणों से लैस होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपचारित पानी सिंचाई के लिए सुरक्षित मापदंडों के भीतर रहे।
इस परियोजना से इस क्षेत्र में 30 से 40 प्रतिशत भूजल की बचत होगी। इससे किसानों की भूजल पर निर्भरता कम हो जाएगी क्योंकि ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित पानी साल भर फसल की सिंचाई के लिए उपलब्ध रहेगा।