जालंधर, शहर के ई-रिक्शा और ऑटो-रिक्शा चालकों के लिए लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए आर. टी. ओ. दफ्तर पांच अगस्त से विशेष अभियान शुरू कर रहा है।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए रीजनल ट्रांसपोर्ट अधिकारी अमनप्रीत सिंह ने बताया कि ई-रिक्शा और ऑटो-रिक्शा चालकों को लर्निंग लाइसेंस बनाने में सहयोग देने के लिए आर. टी. ओ. दफ्तर द्वारा विशेष अभियान चलाया गया है।
उन्होंने कहा कि जिन ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, वे लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ए.आर.टी.ओ. विशाल गोयल को इस अभियान को उचित ढंग से चलाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनाने में मदद के लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर एक विशेष काउंटर स्थापित किया जा रहा है, जहां एक समर्पित कर्मचारी तैनात किया जाएगा ताकि आवेदकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
आरटीओ ने कहा कि लर्निंग लाइसेंस के लिए ई-रिक्शा और ऑटो-रिक्शा चालकों का टेस्ट प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि लर्निंग लाइसेंस 180 दिन के लिए बनता है और लर्निंग लाइसेंस बनने के 30 दिन बाद वाहन चालक ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा और ऑटो-रिक्शा चलाने वाला प्रत्येक चालक एक लाइसेंस प्राप्त चालक हो।
इससे पहले आर.टी.ओ अमनप्रीत सिंह ने इस मुद्दे पर विभिन्न एसोसिएशनों के साथ बैठक भी की ताकि इस पहल का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा सके।