जालंधर, (संजय शर्मा)- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान रवि भल्ला से सपरिवार पंचोपचार पूजन,षोढषोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां।
श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त हवन-यज्ञ उपरांत सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ के उपरांत आए हुए प्रभु भक्तों को बुल्लेशाह कैसे अपने गुरु के मुरीद होते है उनका प्रसंग बहुत मनमोहक ढंग से सुनाते है कि बुल्लेशाह ने अरबी और फारसी के ज्ञान के कारण इस्लामी और सूफी धर्मग्रंथों से बहुत कुछ सीखा था लेकिन इस औपचारिक ज्ञान से उनकी प्यास नहीं बुझी। युवावस्था में वे भी सपनों के महल बनाते और दरिया किनारे बहुत से सवालों का अर्थ तलाशते रहते। बहुत से सवाल उन्हें परेशान करते थे, जैसे कि बुल्ला कौन है तू ? क्या लेने आया है इस दुनिया में ? क्या है तेरा यहाँ? बंदे का रब से क्या राबता है? रब क्या है? रब कहीं है भी या नहीं? रब को कैसे देखूं? रब को कैसे पाऊँ?
इन सवालों से परेशान वह सोचते कि कौन है जो मेरी मदद कर सकता है। ऐसे बहुत से सवाल उनके मन में थे। रब से मिलने और देखने की यही तड़प और तलाश उन्हें सूफी फकीर इनायत शाह के दरवाजे तक लाहौर ले गई।
हजरत इनायत शाह के पास पहुँचने पर बुल्लेशाह को यकीन हो गया कि यही रूहानी शक्ति है जो उनके मन की जिज्ञासा शांत कर सकती है। इनायत शाह के चरणों पर गिर पड़ा। साईं जी ने पूछा, ‘अरे, तेरा क्या नाम है और तू क्या चाहता है ?’ बुल्ले ने कहा, ‘जी मेरा नाम बुल्ला है और मैं रब को पाना चाहता हूँ।’ साईं जी ने कहा, ‘अरे तू नीचे क्यों गिरता है। ऊपर उठ और मेरी ओर देख।’ ज्यों ही बुल्ले ने सिर उठाकर इनायत शाह की ओर देखा, उन्होंने बुल्ले पर प्यार भरी दृष्टि डाली और कहा, ‘बुल्लया! ‘रब दा की पौणा, ऐधरों पुटणा औदर लाणा’ । बुल्लेशाह के लिए इतना ही काफी था। उसका काम हो गया। साईं जी ने बहुत छोटे और सादा शब्दों- ‘इधर से उखाडऩा और उधर लगाना ’ में रूहानियत का सार समझा दिया।
*नवजीत भारद्वाज ने इस मुलाकात का सार समझाते हुए कहा कि रूहानी उन्नति का राज मन को बाहर और संसार की ओर से मोडक़र अंतर में परमात्मा की ओर जोडऩे में है और व्यावहारिक रूप से यह भी बताया कि यह कार्य पूर्ण सद्गुरु की कृपा दृष्टि से संपन्न होता है।*
इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज,पूनम प्रभाकर, सरोज बाला,अमरेंद्र कुमार शर्मा, राकेश प्रभाकर,समीर कपूर, रोहित भाटिया, बावा जोशी, बावा खन्ना, मुकेश गुप्ता , अजीत कुमार, संजीव शर्मा, राजेश महाजन, मनीष कुमार, संजय, गुरप्रीत ,सोनू, नवदीप, उदय, हरकंवल ,प्रवीण,राजू, वरुण,दीलीप,लवली, लक्की, रोहित, विशाल , अशोक शर्मा, नवीन कुमार, अश्विनी शर्मा,रवि भल्ला, जगदीश, पप्पू ठाकुर, ठाकुर बलदेव सिंह ,सुक्खा, अमरजीत , प्रिंस , अमनदीप शर्मा, त्रेहन ,कन्हैया, सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।