रांची, झारखंड में चंपई सोरेन की सरकार ने आसानी से विश्वास जीत कर विपक्ष के मनोबल को बढ़ा दिया है। सीएम चंपई सोरेन की जीत को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि ‘ऑपरेशन लोटस’ के खौफ के कारण पहले सत्ताधारी दल की ओर से जेएमएम-कांग्रेस के सभी विधायकों को विशेष विमान से हैदराबाद भेजा गया था। विश्वास मत हासिल करने के एक दिन पहले उन्हें वापस रांची लाया गया। झारखंड के अब कांग्रेस नेतृत्व की नजर अब बिहार में फ्लोर टेस्ट पर है। बिहार कांग्रेस के विधायकों को पटना से हैदराबाद ले जाया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानना है कि हेमंत सोरेन के ‘साहस’ ने झारखंड में न सिर्फ सत्ता को बचाने में कामयाबी हासिल की। वहीं हेमंत सोरेन ने ‘बीजेपी’ के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया गया। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले हेमंत सोरेन के इस ‘साहस’ ने इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के विभिन्न नेताओं के मनोबल को बढ़ाने का काम किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान जिस तरह से हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में आदिवासी समाज पर अत्याचार और गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार के साथ राजभवन को कठघरे पर खड़ा किया, उससे आगामी चुनाव के पहले विपक्ष को अभियान चलाने के लिए एक प्रभावी और बड़ा मुद्दा मिल गया है।