समझौता कराने आए चीन ने दिया इस्लाम का हवाला

इस्लामाबाद, पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमलों ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। अब पाकिस्तान ने बड़ा फैसला लेते हुए ईरान से अपने राजदूत को ही वापस बुलाने का फैसला लिया है। पाकिस्तान का कहना है कि यह हमला करके ईरान ने उसकी संप्रभुता को चोट पहुंचाई है। यही नहीं उसका दावा है कि ईरान के हमलों में दो मासूम बच्चे मारे गए हैं और तीन बच्चियां घायल हुई हैं। वहीं ईरान का दावा है कि उसने आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसमें उसके ठिकाने ही ध्वस्त हुए हैं। ईरान के सरकारी मीडिया का कहना है कि उसने बलूचिस्तान के पंजगुर कस्बे के पास स्ट्राइक की थी। ईरानी न्यूज एजेंसी तसनीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘जैश अल-अदल के दो ठिकानों पर हमले किए गए हैं, जो पाकिस्तान में संचालित हो रहा है। हमने ड्रोन और मिसाइलों के इस हमले में उसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है।’ वहीं पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा गया है कि बलूचिस्तान की एक मस्जिद भी निशाने पर आई है। उसे भी हमले से नुकसान पहुंचा है और कई लोग घायल हुए हैं।

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के हमले के कुछ समय पहले ही पाक के कार्यवाहक पीएम अनवारुल हक काकर और ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान की मुलाकात हुई थी। दोनों नेता वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम से इतर स्विट्जरलैंड में मिले थे। इस बीच चीन भी ईरान और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव में कूद पड़ा है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बुधवार को कहा, ‘हम दोनों ही पक्षों से शांति की अपील करते हैं। ऐसा कोई भी ऐक्शन न लिया जाए, जिससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को खतरा पैदा हो।’

 

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