बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में हुआ मां बगलामुखी जी के निमित्त दिव्य हवन यज्ञ

जालंधर, मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में मां बगलामुखी धाम के सेवादार नवजीत भारद्वाज की देख-रेख में हुआ। सर्व प्रथम मुख्य यजमान अभिनंदन प्रभाकर से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई। मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए मां भक्तों हुए मां भक्तों को भजन *’सिधा चल प्रभु प्रेम वाले राह अडीयां ना कर मन वे’*

कीर्तन करके निहाल किया। नवजीत भारद्वाज जी ने संत पद की महिमा का बखान करते हुए कहा कि जिस तरह से बसंत हरियाली लाता है, उसी तरह से संत जहां भी जाते हैं, जीवन में खुशहाली लाते हैं। बड़े सौभाग्य से और पुण्यों के प्रताप से संतों के चरण किसी घर में पड़ते हैं। संत जहां भी जाते हैं, खुशहाली लेकर जाते हैं। संतों की दृष्टि और चरणरज से जन्मों-जन्मों के पाप धुल इजाते हैं, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि मन में श्रद्धा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संत कोई चमत्कार नहीं करते, लेकिन इसके बाद भी चमत्कार घटित हो जाते हैं। इसका सीधा अर्थ है कि चमत्कार संत नहीं, बल्कि आपकी श्रद्धा करती है। उन्होंने कहा कि हम तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हैं, लेकिन तीर्थ स्थल जाना सभी लोगों के लिए सार्थक नहीं होता। वहां जाना सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए सार्थक होता है, जिसके मन में ईश्वर के प्रति श्रद्धा होती है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग शिकायत करते हैं कि हम मंदिर जाते हैं, संतों के दर्शन करते हैं, लेकिन फिर भी कुछ होता नहीं? हम क्यों धर्म को मानें। नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि इसका अर्थ है, आप धर्म नहीं कर रहे, बल्कि दुकानदारी कर रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि गुरु चरणों में कुछ मिले या न मिले, लेकिन अदृश्य आशीर्वाद अवश्य मिलता है। श्रद्धा के साथ संत दर्शन के लिए बढ़ाए गए हर कदम से जन्मों-जन्मों के पाप धुल जाते हैं। मां बगलामुखी के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज संत दर्शन के बारे में एक प्रेरक कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान विष्णु के दरबार में गंगा मैया पहुंची और उन्होंने शिकायत की कि लोग जन्म-जन्म के पाप लेकर मेरे पास आते हैं, और स्नान कर उनके पाप धुल जाते हैं, वे सारे पाप मेरे पास छोड़ जाते हैं, ऐसे में मेरे पाप कैसे धुलेंगे। इस पर मुस्कराते हुए भगवान विष्णु ने कहा कि जिस दिन किसी संत की दृष्टि तुम पर पड़ेगी और उनकी चरण रज तुम्हारी भूमि और जल पर पड़ेगी, उस दिन तुम्हारे सारे पाप धुल जाएंगे।
इस अवसर पर राकेश प्रभाकर,करन भार्गव,जसविंदर सिंह,बलजिंदर सिंह, समीर कपूर,अमरजीत सिंह,वावा जोशी, नवदीप, उदय,अजीत कुमार,गुलशन शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले, मुनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,अमरेंद्र शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, विवेक शर्मा, शाम लाल, एडवोकेट राज कुमार, अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, राजन शर्मा, प्रिंस, ठाकुर बलदेव सिंह,गौरी केतन, रिंकू सैनी, दिनेश शर्मा, अजय मल्होत्रा, अजीत साहू,प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, अशोक कुमार शर्मा,साहिल,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर का भी आयोजन किया गया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *