कहा- ये न्यायिक आतंकवाद से कम नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (11 दिसंबर) को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के फैसले को सही ठहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकतरफा कदम का समर्थन किया. इस पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री की विशेष सहायक और जेल में बंद जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सोमवार (11 दिसंबर) को कहा कि भारत ने अपने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के माध्यम से कश्मीरी राष्ट्र के प्रति अपनी नफरत व्यक्त की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न्यायिक आतंकवाद करार दिया. पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट दुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक वीडियो संदेश के जरिए मुशाल हुसैन मलिक ने कहा कि किसी ने भी कश्मीरियों को न्याय नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि भारतीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला जिनेवा कन्वेंशन और यूएनएससी प्रस्तावों के खिलाफ था. मुशाल मलिक ने जम्मू कश्मीर के फैसले पर कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे मोदी और नेतन्याहू अधिक हत्याओं और नरसंहारों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.

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