रावण का गांव जहां पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री, बन गया मंदिर लेकिन आज तक नहीं लगी मूर्ति

आपने भगवान राम की जन्‍मभूमि अयोध्‍या के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन क्‍या आपको मालूम है कि बेहद विद्वान लंकापति रावण कहां का रहने वाला था और आज उस जगह की क्‍या स्थिति है? अगर नहीं मालूम तो हम आपको बताते हैं उस गांव के बारे में जहां न केवल रावण का जन्‍म हुआ था बल्कि रावण के पिता विश्‍वश्रवा भी यहीं पैदा हुए थे. यहीं रहकर रावण ने अष्‍टकोणीय शिवलिंग के सामने बैठकर भगवान शिव की आराधना की थी और उनसे वरदान प्राप्‍त किया था. इसके बाद युवावस्‍था में रावण कुबैर से सोने की लंका लेने के लिए यहां से रवाना हो गया था और फिर यहां वापस लौटकर नहीं आया. रावण का यह गांव कहीं दूर नहीं बल्कि दिल्‍ली-एनसीआर में ही है. उत्‍तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित सेक्‍टर-1 के पास मौजूद गांव बिसरख को रावण का गांव कहा जाता है. सैकड़ों घरों वाले इस गांव के लोगों का रहन-सहन जरूर सामान्‍य है लेकिन वे काफी समृद्ध हैं. जिस रावण को पूरी दुनिया बुराई और अत्‍याचार का प्रतीक मानती है, उसी रावण को इस गांव में पूजा जाता है और उसके जैसा विद्वान बालक पाने की कामना की जाती है.

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