जालंधर/चंडीगढ़, बीते कल नाटक करने के लिए पंजाब विधानसभा का असंवैधानिक सत्र बुलाकर मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र के मंदिर ( विधानसभा ) का अपमान किया है। जिसके लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। ये शब्द पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने जालंधर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए व्यक्त किये। वह यहां भगवान वाल्मिकी के प्रकट दिवस के सिलसिले में भारतीय वाल्मिकी धर्म समाज संगठन द्वारा आयोजित शोभा यात्रा में भाग लेने आये थे। सुनील जाखड़ ने कहा कि आप सरकार लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने और गुमराह करने की नीति पर चल रही है। जिसके तहत हर दिन नए-नए नाटक हो रहे हैं। एक तरफ जहां पंजाब के पानी को लूटा जा रहा है। दूसरी ओर, वे पंजाब पर हर दिन 100 करोड़ का कर्ज चढ़ा रहे हैं। पंजाब गंभीर संकट की ओर बढ़ रहा है। ऐसे मुद्दों पर गंभीरता दिखाने के बजाय मुख्यमंत्री चुटकलियों की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में जवाब देने से भागना और सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाना मुख्यमंत्री की जनता को साथ लेकर चलने की नाकाबलियत को दर्शाता है । वे सिर्फ नाटक के लिए बहस कर रहे हैं। जिसमे से निकलना कुछ नहीं है, पर उनके षडयंत्रकारी चेहरों को जरूर बेनकाब करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बहस से खुद भाग जाएंगे क्योंकि उन्होंने पहले तो सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ लुटा दिया और अब हरियाणा के हक की बात कर रहे हैं। जिससे यह स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी पंजाब के लोगों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है। उन्होंने फिर दोहराया कि मुख्यमंत्री या तो 1 नवंबर की बहस के लिए उनके द्वारा सुझाए गए नामों पर सहमत हों या फिर आपत्ति जताते हुए कोई और नाम दें क्योंकि पर्यवेक्षक या रेफरी के बिना बहस कैसे संभव है। कल पवित्र सदन में स्पीकर की मौजूदगी में जो हुआ वो सबके सामने है। एक सवाल का जवाब देते हुए सुनील जाखड़ ने कहा कि आज छोले कुल्चे की नहीं बल्कि पंजाब के हितों की बात करने की जरूरत है। सुनील जाखड़ ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं के सवाल पर कहा कि उन्हें बीजेपी में पूरा मान-सम्मान मिल रहा है, लेकिन जो लोग अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वहां गए, उन्हें वहां जो जलालत मिली , ऐसा नहीं होना चाहिए था।