इजरायल के लगातार हमलों से गाजा में मानवीय संकट

नई दिल्ली, इजरायल-हमास युद्ध का आज सातवां दिन है। अब तक इस जंग में कुल 2800 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इजरायल गाजा पट्टी में ताबड़तोड़ रॉकेट दाग रहा है। इस बीच, इजरायल ने उत्तरी गाजा को 24 घंटे में खाली करने का फरमान जारी किया है। इस पर संयुक्त राष्ट्र बिफर पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र ने नॉर्थ गाजा को खाली करने के आदेश पर इजरायल के सीनियर अफसरों से स्पष्टीकरण मांगा है। मामले से परिचित सूत्रों के हवाले से CNN ने लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार रात इजरायली राजदूत गिलाद एर्दान से मामले में स्पष्टता मांगी है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इजराइल ने गुरुवार को स्थानीय समयानुसार आधी रात से ठीक पहले गाजा में संयुक्त राष्ट्र की टीम को नॉर्थ गाजा खाली करने का फरमान सुनाया है, जो लगभग 11 लाख लोगों पर लागू होता है। सूत्रों के अनुसार, यूएन महासचिव गुटेरेस ने इस फरमान के बाद इजरायली अधिकारियों को दो फोन कॉल किए और पूछा कि ये आदेश कैसे लागू किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने इसे असंभव करार दिया है और कहा है कि इससे बड़े पैमाने पर विनाशकारी मानवीय परिणाम सामने आएंगे। आधी रात के बाद एक बयान जारी कर यूएन में इजरायल के राजदूत गिलाड एर्दान ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया को शर्मनाक बताया और अंतरराष्ट्रीय संस्था पर “इजरायल को उपदेश देने” का आरोप लगाया है। एर्दान ने सीएनएन से कहा, “संयुक्त राष्ट्र ने कई वर्षों से गाजा पट्टी में हमास द्वारा नागरिक आबादी और नागरिक बुनियादी ढांचों का उपयोग करने उनके बीच हथियार छिपाने और उनकी हत्या करने पर आंखें मूंद रखी हैं और अब, इजरायल के साथ खड़े होने के बजाय, इजरायल को ही उपदेश दे रहा है, जबकि उसके नागरिकों पर हमास आतंकवादियों ने कोहराम मचाकर उन्हें मार डाला है। संयुक्त राष्ट्र को अब इजरायली बंधकों को हमास के चंगुल से वापस करने और हमास की निंदा करने पर ध्यान फोकस करना चाहिए।”

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