“जब खतरे ग्लोबल, तो निपटने का तरीका भी ग्लोबल होना चाहिए”: अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन PM मोदी

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में कहा कि किसी भी देश की जीवन शैली और संस्कृति में न्यायिक समाज की अहम भूमिका होती है. एक तरह से ये कॉन्‍फ्रेंस ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भारत की भावना का प्रतीक बन गई है. मैं यहां आए सभी अंतरराष्ट्रीय मेहमानों का भारत में बहुत बहुत स्वागत करता हूं. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ये कॉन्‍फ्रेंस काफी मायने रखता है, क्‍योंकि जब खतरे ग्‍लोबल हैं, तो उनसे निपटने का तरीका भी ग्‍लोबल होना चाहिए.
वकीलों ने देश के विकास की नींव मजबूत की…
पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश की जीवन शैली और संस्कृति में न्यायिक समाज की अहम भूमिका होती है. भारत की आजादी के आंदोलन में भी कई बड़े वकीलों ने राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी चलती वकालत छोड़ दी थी. अधिकतर बड़े स्वाधीनता सेनानी वकील थे. उन्होंने उस समय भी और आजादी के बाद भी न्यायिक पेशे से जुड़े वकीलों ने देश के विकास की नींव मजबूत की

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