चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के सफर के साथ दुनिया भर की निगाहें आज भारत और ISRO के हुनरमंदों पर आ टिकी हैं, जहां पहुंचकर उम्मीदों का ये यान चांद के उन हिस्सों और राज को टटोलेगा जो आज तक इंसानी पहुंच से दूर रहा है. चंद्रयान-3 के इस सफर को हमारी ढ़ेर सारी शुभकामनाएं हैं. स्याह फलक पर चमकता चांद जो कभी कवियों और गजल कहने वालों का सबसे पसंदीदा मज़मून हुआ करता था, अब उस पर कार कंपनियों की भी नज़रें गड़ चुकी हैं. चंद्रमा पर जाना जाहिर तौर पर क्रिप्टोकरेंसी के शौकीनों, शेयर बाजार के खिलाड़ियों और अब कार कंपनियों के लिए किसी रफ्तारी जंग जैसा हो चला है.
साल 1969 में अमेरिका द्वारा चांद की सतह पर अपना झंडा लहराने के बाद से पृथ्वी के इस पसंदीदा उपग्रह ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ तेजी से खींचा है. आलम ये है कि, हुंडई, टोयोटा और जनरल मोटर्स जैसे कई दिग्गज प्लेयर्स हैं जो चांद पर लूनर रोवर (Lunar Rover) दौड़ाने की तैयारी में हैं. हाल ही में किआ और हुंडई ने घोषणा की थी कि दोनों कार कंपनियां चांद की सतह पर मोबिलिटी सॉल्यूशन डेवलप करने के लिए 6 कोरियाई अनुसंधान संस्थानों के साथ काम कर रही हैं. वहीं नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) भी लूनर सरफेस साइंस मोबिलिटी स्ट्रेटजी पर काम कर रहा है.