नई दिल्ली, महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को अजित पवार की पलटबाजी के बाद एक-एक कर सियासी दांव-प्रतिदांव की परतें खुलने लगी है। एक तरफ अजित पवार को एनडीए और एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल कराकर बीजेपी जहां खुश है और आगे की रणनीति बनाने में जुटी है, वहीं मुख्यमंत्री शिंदे को मायूसी हाथ लगी है। सियासी जानकारों के मुताबिक सीएम शिंदे को नए राजनीतिक घटनाक्रम में डबल झटका लगा है।
एकनाथ शिंदे सरकार ने तीन दिन पहले ही एक साल पूरे किए हैं और इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि शिंदे गुट के विधायकों को मंत्री पद दिया जाएगा। हाल ही में मुंबई से लेकर दिल्ली तक इस पर चर्चा भी हुई थी कि जुलाई के पहले हफ्ते में मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा और शिंदे के साथियों को उसमें समाहित किया जाएगा लेकिन ऐन मौके पर अजित पवार की एंट्री से शिंदे और शिंदे गुट के विधायकों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। शिंदे गुट के विधायकों के अंदर इस बात को लेकर भारी नाराजगी है।