बीमा फर्मों और उनके बिक्री एजेंटों के बाद अब इनकम टैक्स विभाग की नजर बैंकों पर

NEW DELHI : इनकम टैक्स विभाग कई दिनों से 20 से अधिक बीमा फर्मों और उनके बिक्री एजेंटों से जुड़ी लगभग 500 संस्थाओं की जांच में जुटा हुआ है, लेकिन अब इनकम टैक्स विभाग की नजर बैंकों पर आ गई है, क्योंकि जांच में बड़े लेनदेन का पता चला है। सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 131 के तहत बीमा कंपनियों को ताबड़तोड़ नोटिस भेजे जा रहे हैं और अब बैंकों द्वारा तैनात मैनपावर और पेमेंट के तरीके के बारे में जानकारी मांगी गई है।
बता दें कि आयकर अधिनियम की धारा 131 के तहत इनकम टैक्स के अधिकारी पूछताछ कर सकते हैं, जिससे वे व्यक्तियों या गवाहों को बुला सकते हैं, और अकाउंटिंग रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की मांग कर सकते हैं।
इनकम टैक्स विभाग और GST इंटेलिजेंस डायरेक्टरेट जनरल (DGGI) इस मामले और संदिग्ध टैक्स चोरी को लेकर इन बीमा कंपनियों की जांच कर रहे हैं। जबकि डीजीजीआई फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों के लिए उनकी जांच कर रहा है, टैक्स विभाग कमीशन भुगतान पर भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के मानदंडों के उल्लंघन के माध्यम से टैक्स चोरी के लिए उनकी जांच कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, दोनों विभाग 60,000 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन की जांच कर रहे हैं। इनमें 5,500 करोड़ रुपए से ऊपर की संदिग्ध जीएसटी चोरी शामिल है। कई बीमा कंपनियां कानूनी कमीशन के ऊपर बैंकों और अन्य मीडिएटर्स को ओवरराइडिंग कमीशन दे रही थीं। इससे संभावित शोषण और बीमा कारोबार के भीतर मैनेजमेंट एक्सपेंस में बढ़ोतरी पर चिंताएं पैदा हुई हैं।

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