कोलकाता, रामनवमी के मौके पर हुए दंगों के बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से हनुमान जयंती पर सतर्क रहने को कहा है। इस बीच हाई कोर्ट में ममता बनर्जी सरकार ने रामनवमी में हुए दंगों को लेकर रिपोर्ट सौंपी। इस पर अदालत ने कहा कि अब हनुमान जयंती आने वाली है। सरकार ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए हैं। अदालत ने कहा कि जरूरी हो तो केंद्रीय बलों की भी तैनाती की जाए ताकि लोगों में भरोसा कायम हो सके। उच्च न्यायालय ने सरकार से कहा कि वह तय करे कि उन इलाकों से कोई जुलूस न निकले, जहां धारा 144 लगी हुई है और हालात बिगड़ने की आशंका है।अदालत ने बंगाल सरकार से कहा कि यदि ऐसा लगता है कि स्थिति बिगड़ सकती है तो वह केंद्र सरकार से अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग करे। इससे पहले मंगलवार को कोलकाता हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा था कि वह हुगली जिले के रिसड़ा में हुई हिंसा को लेकर रिपोर्ट दाखिल करे। भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश दिया था। बता दें कि सोमवार शाम को रिसड़ा रेलवे स्टेशन के गेट नंबर 4 पर एक बार फिर से हिंसा छिड़ गई थी। इसके बाद मंगलवार को मामला हाई कोर्ट पहुंच गया था।बता दें कि बंगाल में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के मामले में ममता बनर्जी ने आज सफाई दी। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं प्रशासन की असफलता नहीं हैं बल्कि भाजपा की साजिश है। इस पर भाजपा ने उन पर हमला बोलते हुए कहा कि ममता बनर्जी के बारे में पूरा देश जानता है। गौरतलब है कि बंगाल में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर ममता बनर्जी घिरी हुई हैं। अदालत ने सरकार से कहा था कि वह हिंसक घटनाओं से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज की जांच करे और फिर रिपोर्ट सौंपी जाए।