जेलेंस्की जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रस्तावित “शांति सूत्र” को लागू करने के लिए भारत की भागीदारी मांगी 

NEW DELHI : रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस महायुद्ध को 11 महीने से ज्यादा का वक्त हो चला है। हजारों लोग मारे जा चुके हैं, लाखों विस्थापित और यूक्रेन के कई खूबसूरत शहर तबाह हो गए हैं। अब नए साल से पहले रूस ने यूक्रेन को सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि वो अगर बात नहीं मानेगा तो उसी सेना इसका फैसला करेगी। पुतिन के खतरनाक इरादों से घबराए यूक्रेन की नजरें अब भारत पर हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और उनसे युद्ध को खत्म करने के लिए समर्थन मांगा है। अक्टूबर के बाद यह दूसरा मौका है जब जेलेंक्सी ने मोदी को फोन किया। यूक्रेन को मालूम है कि भारत रूस के काफी नजदीक है और सिर्फ वही है जो इस तबाही को रोक सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने फोन पर बातचीत के दौरान यूक्रेन में संघर्ष पर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और कूटनीति और संवाद की वापसी के लिए अपने आह्वान को दोहराया। बता दें कि अक्टूबर के बाद से मोदी और ज़ेलेंस्की के बीच यह दूसरी फोन बातचीत रही। 15 दिन पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी प्रधान मंत्री के बीच फोन पर बात हुई थी।
जेलेंस्की ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रस्तावित “शांति सूत्र” को लागू करने के लिए भारत की भागीदारी मांगी है। ज़ेलेंस्की ने 10-सूत्रीय शांति योजना के बारे में बात की, जिसका उद्देश्य “आक्रामक रूसी युद्ध … न्यायपूर्ण और संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर” समाप्त करना है। 10 बिंदुओं में परमाणु सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, सभी कैदियों और निर्वासितों की रिहाई, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की बहाली, रूसी सैनिकों की वापसी और शत्रुता की समाप्ति, वृद्धि की रोकथाम और युद्ध की समाप्ति की पुष्टि शामिल है।

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