मुख्यमंत्री के फैसले को मानने से स्कूलों ने किया इनकार, कहा- हर वर्ष फीस बढ़ाना उनका अधिकार

CHANDIGARH : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भले ही प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि पर रोक लगा दी हो, लेकिन इसे लागू करना आसान नहीं नजर आ रहा है। दरअसल, सीएम भगवंत मान के इस फैसले को मानने से निजी स्कूल संचालकों ने इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि हर वर्ष अधिकतम प्रतिशत फीस बढ़ाना उनका अधिकार है।
निजी स्कूल एसोसिएशन के कौंसिल व कानूनी सलाहकार एडवोकेट डीएस गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में कहा था कि निजी स्कूलों में एक रुपया भी फीस नहीं बढ़ाई जाएगी लेकिन वह उनका निजी बयान हो सकता है, कानून नहीं है। न ही इस बारे में कोई नोटिफिकेशन जारी हुई है।
उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों में फीस बढोतरी पर अंकुश लगाने के लिए पंजाब स्कूल फीस रैगुलेटरी एक्ट वर्ष 2016 में बनाया गया था, जिसके तहत हर वर्ष 8 प्रतिशत फीस निजी स्कूल बढ़ा सकते हैं। कोरोना काल में 2 वर्षों से निजी स्कूलों ने फीस नहीं बढ़ाई थी लेकिन अब हालात सामान्य हो चुके हैं। हर चीज महंगी हो गई है इसलिए फीस में बढ़ोतरी करना अनिवार्य है। आपकी जानकारी के बता दें, प्राइवेट स्कूलों को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जो फैसला लिया है, दिल्ली में केजरीवाल सरकार पहले ही इसे लागू कर चुकी है। दिल्ली में भी कांग्रेस सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के फीस वृद्धि पर रोक लगा दी थी। सरकार ने कई प्राइवेट स्कूलों के वित्तीय आडिट भी करवाए थे। इसके लिए आप सरकार को लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। पंजाब में भी आप सरकार उसी मॉडल को अपनाने जा रही है।

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