KIEV: यूक्रेन रूस के बीच युद्ध शुरू हुए 32 दिन बीत चुके हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रविवार की रात देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि तुर्की में रूस के साथ इस सप्ताह होने जा रही बातचीत में प्राथमिकता ‘‘यूक्रेन की संप्रभुता और भूभागीय अखंडता’’ पर केंद्रित होगी। जेलेंस्की ने कहा, हम वास्तव में, बिना किसी विलंब के शांति चाहते हैं। तुर्की में आमने-सामने होने जा रही बातचीत एक अवसर है और जरूरत भी। यह बुरा नहीं है। आइये, देखें कि परिणाम क्या मिलते हैं। उन्होंने कहा, मैं दूसरे देशों की संसद से लगातार अपील करूंगा और उन्हें घेरेबंदी वाले मारियुपोल जैसे शहरों के भयावह हालात की याद दिलाऊंगा। यूक्रेन के सशस्त्र बलों को धन्यवाद देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि कब्जाए जा चुके शहरों को वे वापस ले रहे हैं और कुछ हिस्सों में तो वे आगे भी बढ़ रहे हैं। यह अत्यंत सराहनीय है। इससे पहले, जेलेंस्की ने संवाददाताओं से कहा कि तटस्थता और नाटो से बाहर रहने के लिए सहमति के मुद्दे पर, देश से रूसी सैनिकों की वापसी के बाद यूक्रेन के मतदाताओं से जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए।
बता दें, रूस-यूक्रेन के बीच अब तक 28 फरवरी, 1 मार्च और 7 मार्च को शांति वार्ता हो चुकी है, लेकिन सुलह की राह नहीं निकल सकी है। सोमवार की मीटिंग से पहले तुर्की के राष्ट्रपति तैयपे अर्दोगन ने कहा है कि 6 प्वाइंट में से 4 पर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है, जिसमें यूक्रेन के NATO में शामिल नहीं होने की शर्त भी शामिल है। यूक्रेनी सांसद और वार्ता समूह के सदस्य डेविड अरखामिया ने जानकारी देते हुए कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच आमने-सामने की बातचीत का अगला दौर तुर्की में 28 से लेकर 30 मार्च तक होगा।