रूस : 6 महीने तक बैंक से 10,000 डॉलर ही निकाल सकेंगे लोग

MASCOW : सेंट्रल बैंक ऑफ रूस ने बुधवार को कहा कि रूस ने नागरिकों द्वारा विदेशी मुद्रा खातों से फॉरेन करेंसी निकालने पर सीमा निर्धारित करने का फैसला किया है। रूस के सैंट्रल बैंक ने मंगलवार को घोषणा की कि विदेशी मुद्रा खातों वाले नागरिकों को 9 सितंबर तक 10 हजार डॉलर से ज्यादा निकालने की इजाजत नहीं दी जाएगी यानी लोग सेंट्रल बैंक से 6 महीनों तक केवल 10 हजार डॉलर तक ही निकाल सकेंगे। CBR ने एक बयान में कहा कि ग्राहक के बैंक अकाउंट में चाहे कोई भी विदेशी मुद्रा हो, लेकिन निकासी केवल यूएस डॉलर में ही की जाएगी।
सीबीआर ने बयान में कहा, ‘9 मार्च से 9 सितंबर 2022 यानी 6 महीनों तक, रूस के बैंक ने विदेशी मुद्रा जमा करने या नागरिकों द्वारा अंकाउंट से कैश निकालने को लेकर एक प्रक्रिया स्थापित की है। विदेशी मुद्रा खातों या जमाराशियों पर सभी ग्राहकों के धन को डिपोजिट करेंसी में सहेजा जाता है। ग्राहक 10,000 अमेरिकी डॉलर तक कैश निकाल सकते है। जबकि शेष धनराशि निकासी के दिन बाजार दर पर रूबल में निकाली जा सकेगी। सीबीआर ने कहा, ‘रूसी बैंकों में लगभग 90 प्रतिशत विदेशी मुद्रा खाते 10,000 अमरीकी डालर की राशि से ज्यादा नहीं होते हैं। विदेशी मुद्रा जमा या खातों के 90 प्रतिशत धारक अपने धन को पूरी तरह से कैश में प्राप्त करने में सक्षम होंगे। बयान में आगे कहा गया है कि नए नियम लागू होने के दौरान बैंक नागरिकों को विदेशी कैश नहीं बेचेंगे। सीबीआर ने कहा कि रूस में डॉलर की आमद पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण यह विशेष उपाय लाए गए हैं।
जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने भी रूस के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंध और यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। रूस संपत्ति को फ्रीज करने और देश के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध को लेकर नई पेनल्टी लाने पर विचार कर रहा है। बता दें कि यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से कई देश रूस से खार खाए हुए हैं और तरह-तरह के प्रतिबंधों की घोषणा कर रहे हैं। रूस से नाराज अमेरिका और ब्रिटेन ने मास्को से गैस, तेल और ऊर्जा के सभी आयातों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका रूस से आयात होने वाले गैस, तेल और ऊर्जा पर बैन लगा रहा है। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका में रूसी तेल, गैस और कोयले के आयात पर प्रतिबंध लगाने से देश में इसकी कीमत चुकानी होगी। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ने भी यह घोषणा की है कि ब्रिटेन रूस से तेल के आयात पर बैन लगा देगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनका देश रूसी आक्रमण समाप्त होने तक यूक्रेन को हथियार और हर दूसरी सहायता प्रदान करता रहेगा।

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