पंजाब में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का सरकार ने चुनावी इलाज कर दिया है। चुनावी रैलियों पर सवाल खड़े न हों, इसलिए कोविड टेस्ट बढ़ाने के बजाय कम कर दिए हैं। कुछ दिन पहले तक 25 से 30 हजार टेस्ट किए जा रहे थे, जो अब घटकर 10 हजार से भी कम हो चुके हैं, जिससे पंजाब में तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है।
यह बात अलग है कि लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए कागजी पाबंदियां जरूर लगाई जा रही हैं। हालांकि, सरकार का कहना है कि टेस्ट में कमी जिला स्तर पर हो रही है। इस बारे में सिविल सर्जनों को कड़ी हिदायत दी जाएगी। पंजाब के लिहाज से यह लापरवाही संवेदनशील है, क्योंकि बड़ी संख्या में पंजाबी विदेशों में रहते हैं, जो अक्सर पंजाब आते-जाते रहते हैं।