New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकाउंट शनिवार देर रात हैक हो गया था जिसके बाद उसपर बिटकॉइन से जुड़ा ट्वीट पोस्ट किया गया। हालांकि कुछ ही देर में इस ट्वीट को प्रधानमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हटा लिया गया। उनका अकाउंट अब पूरी तरह सुरक्षित है। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी किया है और लोगों से कहा है कि हैकिंग के दौरान हुए किसी भी ट्वीट को अनदेखा करें। वहीं इस घटना के बाद से सरकार अब हरकत में आ गई है। अधिकारी अब हैकर्स का पता लगाने के लिए एड़ी चोटी का जोड़ लगा रहे हैं।जानकारी के अनुसार सरकार ने इसकी जांच के लिए खास टीम लगा दी है जो कि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के जरिए हैकर्स का पता लगाएगी। सूत्रों के अनुसार हैकर्स का पता लगाने के लिए इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-IN) को लगाया गया है और वह इसके सोर्स का पता लगाने का कोशिश कर रही है। हैकिंग का पता लगाने के लिए यह टीम लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। CERT-IN केंद्र सरकार की एक विशेष जांच एजेंसी है जो मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी के अंदर काम करती है। इसका काम भारत सरकार की हैकिंग और फिशिंग जैसे गंभीर साइबर खतरों से निपटना है।
वहीं अब ट्विटर ने इस घटना पर बयान जारी कर सफाई दी है। ट्विटर स्पोक्स ने कहा कि हमारे पास प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ संचार की 24X7 खुली लाइनें हैं और जैसे ही हमें इस गतिविधि के बारे में पता चला, हमारी टीमों ने प्रभावित अकाउंट को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। हमारी जांच से पता चला है कि इस समय किसी तरह के खतरे का कोई संकेत नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर हैंडल हैक होने की जानकारी सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गई। इसे लेकर यूजर्स ने स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही हैशटैग हैक्ड और हैकर्स ट्रेंड करने लगे। हैशटैग हैक्ड भारत में रात में ही चौथे नंबर पर ट्रेंड कर रहा था। सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे सुरक्षा का गंभीर खतरा और ‘बिटक्वाइन माफिया’ का काम बताया। कई लोगों ने यहां तक आशंका जताई कि इस घटना के बाद क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।