किसान आंदोलन को हुआ 1 साल, सिंघु बॉर्डर पर जुटी भीड़

जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक किसान दिल्ली की सीमाओं से हटने वाले नहीं : टिकैत
NEW DELHI :किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो गया है। साल 2020 में 26 नवंबर को ही कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था। कुछ दिन पहले ही कृषि कानून केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए जा चुके हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने ये कानून वापस लेने का ऐलान किया था। लेकिन किसानों ने आंदोलन ख़त्म करने से इनकार कर दिया है। आंदोलन का एक साल पूरा होने पर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हुए।
किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने बड़ी सभा की। इसके साथ ही हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसानों ने आंदोलन का एक साल पूरा होने पर किसान महापंचायत का आयोजन हुआ। कृषि कानून वापस ले लिए गए, लेकिन किसानों ने कहा कि अब आंदोलन ख़त्म नहीं करेंगे क्योंकि सिर्फ कृषि कानून वापसी ही नहीं, बल्कि हमारी कई अन्य मांगें भी हैं। इनमें से एमएसपी को लेकर कानून बनाए जाने की मांग प्रमुख है। किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर राकेश टिकैत ने कहा कि एक साल का लंबा संघर्ष बेमिसाल रहा है। थोड़ी ख़ुशी और थोड़ा गम है। लड़ रहे हैं, जीत रहे हैं। लड़ेंगे और जीतेंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून किसानों का अधिकार है। राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी सहित किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन अभी जारी रहेगा। टिकैत में कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर उन्हें बैठे हुए 1 साल हो गया है। सरकार ने तीनों ‘काले कानूनों’ को वापस लेने की घोषणा भले ही कर दी है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कई अन्य मुद्दे पर सरकार ने मौन धारण किया हुआ है। सरकार इस मुद्दों पर किसानों से कोई बात नहीं कर रही है। जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक किसान दिल्ली की सीमाओं से हटने वाले नहीं हैं।

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