LONDON : इंग्लैंड के ईस्ट ससेक्स राज्य में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक टाउन हीथफील्ड में 34 साल बाद घिनौनी करतूतों के अपराधी को सजा मिलने जा रही है। कोर्ट ने उसे महिलाओं की लाश के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया है। अब 67 साल के हो चुके डेविड फुलर ने अंजाम दिया था। वह 12 साल तक मुर्दाघर में महिलाओं की लाशों के साथ दुष्कर्म करता रहा। उसने करीब 100 महिलाओं के शवों के साथ दुष्कर्म किया, लेकिन किसी को इस बात का पता नहीं चला।
फुलर 1989 से 12 साल तक हीथफील्ड अस्पताल के 2 मुर्दाघरों में आने वाले शवों के दुष्कर्म करता रहा। यहां वह इलेक्ट्रीशियन था। जांच में सामने आया कि फुलर देर रात तक मुर्दाघर में काम करता रहता था, तब तक दूसरे कर्मचारी चले जाते थे। इस केस की जांच करने में इंग्लैंड पुलिस को 2.5 मिलियन यूरो (करीब 21.42 करोड़) रुपए का खर्च आया।
फुलर ने 1987 में वेंडी नेल और कैरोलीन पियर्स नाम की 2 महिलाओं की हत्या कर दी थी। नेल की 23 जून 1987 को गिल्डफोर्ड रोड में उनके घर पर हत्या कर दी गई थी। जब वह काम पर नहीं पहुंची तो उनका बॉयफ्रेंड उनके घर पहुंचा था और उसे बिस्तर पर नेल की लाश मिली। नेल के तौलिए और उसकी लार में फुलर का डीएनए मिला था।
24 नवंबर 1987 को कैरोलीन पियर्स का ग्रोसवेनर पार्क में अपने घर के बाहर से अपहरण कर लिया गया। पड़ोसियों ने उनके चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी थी। एक हफ्ते बाद उनकी लाश उनके घर 40 मील दूर रोमनी मार्श में एक बांध पर तैरती मिली। एक खेत मजदूर ने लाश देखकर पुलिस को फोन किया था। पुलिस ने कहा कि फुलर दोनों महिलाओं को पहले से जानता था। फुलर उस फोटो डेवलपमेंट चेन का ग्राहक था, जहां नेल काम करती थी। इसके अलावा फुलर उस बस्टर ब्राउन रेस्टोरेंट में भी गया था, जहां पियर्स मैनेजर थी। इन वारदातों के 24 साल बाद सितंबर 2011 में उसे गिरफ्तार किया गया।
78 लाशों की हुई पहचान : ये केस मेडस्टोन क्राउन कोर्ट में चला। फुलर को 51 अलग-अलग मामलों में दोषी पाया गया। दोनों मुर्दाघरों में 78 लाशों की पहचान की गई, जिनके साथ फुलर ने दुष्कर्म किया था। जस्टिस चीमा-ग्रब ने जूरी को हत्या के दोनों मामलों में उसे दोषी ठहराने का निर्देश दिया है। हालांकि, अभी तय नहीं हुआ है कि फुलर को कितनी सजा मिलेगी।