जालंधर – चमड़ा उद्योग से निकलने वाले गंदे पानी के शोध को यकीनी बनाने के लिए स्थानीय लैदर कंपलैक्स में कामन इफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांट (सी.ई.टी.पी.) का जल्दी ही नवीनीकरण किया जा रहा है, जिस सम्बन्धित जि़ला प्रशासन की तरफ से चेन्नई आधारित एजेंसी एम /एस इकौ प्रोटैक्शन इंजीनियर्ज प्राईवेट लिमटिड को पत्र (पत्र आफ इनटैंट) जारी किया गया है। इस प्राजैक्ट पर कुल 27.26 करोड़ रुपए लागत आएगी, जो कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सी.ई.टी.पी. के लाभपातरियों की तरफ से क्रमवार 70त्न, 15त्न और 15त्न के अनुपात में सहन की जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने कहा कि लैदर कंपलैक्स, जालंधर के चमड़ा उद्योग की तरफ से लम्बे समय से यह माँग की जा रही थी और पंजाब सरकार की तरफ से चमड़ा उद्योग की भलाई के लिए यह निर्णय किया गया है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि यह कदम जहाँ एक तरफ़ सी.ई.टी.पी. को मज़बूती प्रदान करेगा वहीं दूसरी तरफ़ उद्योगों के कारण होने वाले वातावरण प्रदूषण को काफ़ी कम करने में मददगार साबित होगा। डी.पी.आई.आई.टी., नयी दिल्ली की तरफ से उद्योगों का हिस्सा एकत्रित होते ही पहली किश्त जारी कर दी जाएगी और बैंक अकाउँट स्टेटमैंट डी.पी.आई.आई.टी., नई दिल्ली को जमा की जाती है।