26 मई बुद्ध पूर्णिमा को ही चंद्रग्रहण भी होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक नहीं लगेगा। भारत में ग्रहण के आंशिक चरण की समाप्ति से पहले यह ग्रहण उत्तरपूर्वी हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप के कुछ तटीय भागों से दिखाई देगा। भारत में ये उपच्छाया चंद्रग्रहण है। इसलिए इसका सूतक नहीं लगेगा और मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं किए जाएंगे। पूर्णिमा की कथा, दान-पुण्य और स्नान पर कोई असर नहीं होगा। भारत में चंद्रग्रहण का समय 26 मई को ग्रहण दोपहर 2.17 बजे से आरंभ होगा और शाम 7.19 बजे तक रहेगा पूर्णिमा 26 मई को शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी वैशाखी पूर्णिमा के दिन शक्कर और तिल दान करने से अनजान में हुए पापों का भी क्षय हो जाता है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी से भरा हुआ पात्र, तिल और शक्कर स्थापित कर पूजन करना चाहिए। तिल के तेल का दीपक जलाएं।