नई दिल्ली. कोरोना की दूसरी लहर में मचे हाहाकार के बाद अब ब्लैक फंगस ने चिंता बढ़ा दी है. देश के कई राज्यों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के सैकड़ों केस आने के बाद अब इसके फैलने के कारणों का पता लगाया जा रहा है. तेजी से फैलती यह बीमारी न केवल मरीजों के आंख, नाक और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि मौत के घाट भी उतार रही है. हालांकि अब इसे लेकर विशेषज्ञ कुछ नई बातें कह रहे हैं. कोरोना के बाद फैल रही यह बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. इसे लेकर शोध भी किए जा रहे हैं वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इसके फैलने के कारणों को लेकर तमाम बातें कह रहे हैं. हाल ही में कोरोना से बचाव के सबसे मजबूत कवच के रूप में देखे जा रहे मास्क (Mask) को लेकर भी कई रिपोर्ट सामने आई हैं. जिनमें कहा जा रहा है कि यह ब्लैक फंगस का कारक हो सकता है. इस संबंध में मैक्स हेल्थकेयर के इंटरनल मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निशेष जैन का कहना है कि ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) को लेकर मास्क को भी कारण बताया जा रहा है. ऐसा संभव भी है. जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है, उस हिसाब से ब्लैक फंगस सीधे आंखों को नहीं नुकसान पहुंचाता बल्कि नाक से होते हुए ऊपर पहुंचता है. डॉ. जैन कहते हैं कि ब्लैक फंगस सबसे पहले नाक के माध्यम से साइनस और फिर बढ़ते हुए आंख और मस्तिष्क तक पहुंचता है. जहां यह धीरे-धीरे डैमेज कर देता है और मरीज की मौत हो जाती है. चूंकि यह नाक से पहुंच रहा है तो मास्क को लेकर भी शक पैदा हो रहा है. वहीं कई विशेषज्ञों ने लोगों के मास्क की माइक्रोस्कोप से की गई जांच में पाया है कि ज्यादा दिन तक लगातार एक ही मास्क पहनना ब्लैक फंगस को न्योता दे सकता है.
वे बताते हैं कि एक ही मास्क को बिना साफ किए ज्यादा दिन पहनने के बाद उसमें फंगस आने लगता है और वह इतना सूक्ष्म होता है कि आंखों से दिखाई भी नहीं दे सकता. इसके लिए माइक्रोस्कोप ही चाहिए होता है. लिहाजा अनुमान लगाया जा रहा है कि मास्क भी ब्लैक फंगस का कारण हो सकता है.