स्टार संपादक के ख़िलाफ़ आख़िर मामला क्या था?

पीड़िता का आरोप था कि नवंबर, 2013 में तहलका मैगज़ीन की तरफ़ से गोवा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तरुण तेजपाल ने उनके साथ लिफ्ट में बदसलूकी की. आरोप की गंभीरता को देखते हुए तेजपाल के ख़िलाफ़ रेप (आइपीसी की धारा 376 के तहत) का मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ़्तार भी किया गया था और सात महीने जेल में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी. तरुण तेजपाल ऐसे दूसरे हाई-प्रोफाइल भारतीय पत्रकार हैं, जिन्हें हाल के महीनों में लैंगिक दुर्व्यवहार के एक मामले में गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा है.  इससे पहले फरवरी में, दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व मंत्री और संपादक एमजे अकबर की ओर से दायर मानहानि मामले में ऐतिहासिक फ़ैसला देते हुए पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया था. प्रिया रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था. एमजे अकबर ने आदेश के ख़िलाफ़ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी.

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