कोलकाता, पश्चिम बंगाल में नारद स्टिंग घोटाले को लेकर एक बार फिर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। सोमवार सुबह जहां सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों फरहाद हकीम व सुब्रत मुखर्जी, एक विधायक मदन मित्रा और एक पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी को अरेस्ट कर लिया था, वहीं शाम को विशेष सीबीआई अदालत ने चारों नेताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया। सीबीआई ने इन्हें 14 दिनों की हिरासत में भेजे जाने की मांग की थी। इससे पहले नेताओं को गिरफ्तार किए जाने पर टीएमसी नेताओं ने लॉकडाउन तोड़ते हुए कई जगहों पर प्रदर्शन किए। यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गिरफ्तारी की पेशकश की।
सीबीआई का दफ्तर निजाम पैलेस में स्थित है। यहां पर तृणमूल कांग्रेस के सैकड़ों समर्थक लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए जमा हो गए। उन्होंने मुख्य द्वार के सामने लगाए गए बैरीकेड्स को तोड़ दिया और केंद्र की एनडीए सरकार के खिलाफ नारे लगाए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने यहां पर बड़ी संख्या में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया और प्लास्टिक की बोतलें भी फेंकीं। इसके अलावा हुगली, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों समेत अन्य इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और सड़कों को बंद कर दिया।