नई दिल्ली, अमेरिका की सबसे बड़ी फ्यूल पाइपलाइन Colonial Pipeline पर साइबर अटैक हुआ है। देश के पूर्वी तट के लिए 45 फीसदी डीजल, पेट्रोल और जेट फ्यूल की सप्लाई इसी पाइपलाइन के जरिए होती है। इस 8850 किमी लंबी पाइपलाइन से रोजाना 25 लाख बैरल फ्यूल की आपूर्ति होती है। फ्यूल पाइपलाइन ऑपरेटर Colonial Pipeline ने शुक्रवार को हुए साइबर हमले के बाद अपना सारा नेटवर्क बंद कर दिया है और सर्विस को फिर से बहाल करने की कोशिश की जा रही है। इससे दुनियाभर में तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे तेल की कीमतों में 2 से 3 फीसदी तेजी आ सकती है। अगर इसमें ज्यादा समय लगता है तो स्थिति और बदतर हो सकती है। इंडिपेंडेंट ऑयल मार्केट एनालिस्ट गौरव शर्मा के मुताबिक टैक्सस की रिफाइनरियों में बड़ी मात्रा में तेल फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर मंगलवार तक स्थिति सामान्य नहीं हुई तो बड़ा संकट पैदा हो सकता है। माना जा रहा है कि इस घटना का असर भारत पर भी होगा और पेट्रोल-डीजल की कीमत के साथ-साथ गैस की कीमत में उछाल आ सकती है।