3 अगस्त को मनाया जाएगा. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र शुभ मुहूर्त देखकर ही बांधना चाहिए. इसके राहुकाल और भद्रा के समय राखी बांधने से बचना चाहिए. भद्रा काल में राखी ना बांधने की वजह लंकापति रावण से जुड़ी है. कहते हैं कि रावण ने भद्राकाल में ही अपनी बहन से राखी बंधवाई. इस घटना के एक वर्ष बाद ही रावण का विनाश हो गया था. इसलिए भद्रा में राखी ना बांधें.सुबह 5 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक भद्रा रहेगी, जिसमें बिल्कुल भी राखी राखी ना बांधें. राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा करें.शुभ मुहूर्त होंगे. राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 11 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शाम को 3 बजकर 50 मिनट से शाम 5 बजकर 15 मिनट तक राखी बांध सकते हैं.लाल पीला और सफेद. अन्यथा लाल और पीला धागा तो होना ही चाहिए. रक्षासूत्र में चन्दन लगा हो तो बेहद शुभ होगा. कुछ न होने पर कलावा भी श्रद्धा पूर्वक बांध सकते हैं.अगर अपने आप खुल जाए तो इसे सुरक्षित रख लें. बाद में इसे बहते जल में प्रवाहित कर दें या मिट्टी में दबा दें.