टाटा ने न्यूज वेबसाइट YourStory से बातचीत में कहा कि ये वे लोग हैं जिन्होंने कंपनी के लिए काम किया है। इन्होंने अपना पूरा करियर कंपनी के लिए लगाया है। संकट के समय आप इन्हें सपॉर्ट करने की जगह बेरोजगार कर रहे हैं। टाटा ने इंडस्ट्री के टॉप लीडर्स से पूछा कि आपका इस समय में क्या कर्तव्य बनता है। आपके लिए नैतिकता की क्या परिभाषा है जो अपने कर्मचारियों के साथ इस तरह का बर्ताव कर रहा है। टाटा ग्रुप की बात करें तो ग्रुप की कि किसी भी कंपनी में छंटनी नहीं हुई है। हालांकि टॉप मैनेजमेंट की सैलरी में 20 फीसदी तक की कटौती जरूर हुई है। कंपनियों के लिए यह भी जरूरी है कि वह मुनाफा कमाने के दौरान इस बात का खयाल रखे कि कस्टमर्स और शेयरहोल्डर्स के लिए क्या वैल्यू ऐड की जा रही है। ये तमाम पहलू महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान हालात में मैनेजर्स को यह सवाल खुद से लगातार पूछते रहना चाहिए कि वे जो फैसला ले रहे हैं, क्या वे सही हैं।