प्रशासन ने बिना सुपर एसएमएस के चल रही कम्बाईन की ज़ब्त, करतारपुर इलाके में चल रही मशीन पर 50000 रुपए जुर्माना लगाया

जालंधर, (विशाल/ रोजाना आजतक)- जिले में पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए ज़िला प्रशासन ने सोमवार को सुपर स्ट्राअ मैनेजमेंट व्यवस्था (एसएमएस) के बिना चल रही एक अन्य कम्बाईन हारवैस्टर को ज़ब्त किया और कम्बाईन पर 50,000 जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी के आदेशों पर की गई है, जिन्होनें पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए सिर्फ़ सुपर एसएमएस से लैस मशीनों के साथ ही धान की कटाई करने के आदेश दिए गए हैं।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर कुलदीप सिंह ने बताया कि यह कम्बाईन डिप्टी कमिश्नर के आदेशें का उल्लंघन करने पर करतारपुर के पास के गाँव चीमा के खेतों से ज़ब्त की गई है, जिस पर सुपर एसएमएस नहीं लगा हुआ था।उन्होनें कहा कि मशीन ज़ब्त करने के अलावा 50000 रुपए वातावरण मुआवज़े के तौर पर भरने के लिए कहा गया है। उन्होनें कहा कि कम्बाईन मालिक जोगिन्द्र सिंह निवासी गाँव चीमा को निर्धारित समय अंदर वातावरण मुआवज़ा जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं।डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते पराली जलाने की घटनाएँ को रोकना ज़रूरी है, जोकि हवा की गुणवत्ता को प्रदूषित करके स्थिति को ख़राब कर सकती हैं। विशेषतौर पर अन्य रोगों वाले लोगों को और ज्यादा परेशानी में डाल सकती हैं। उन्होनें पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए किसानों और कम्बाईन मालिकों को अति -आधुनिक तकनीक अपना कर पराली प्रबंधन के तरीकों का सहारा लेने का न्योता दिया उन्होनें बताया कि धान की फ़सल की कटाई मुख्य तौर पर कम्बाईनों के साथ की जाती है और जब सुपर एसएमएस कम्बाईन के पिछले तरफ़ जुड़ा होता है तो यह धान की पराली के छोटे-छोटे टुकडे कर देता है, जिससे अन्य मशीनों को खेत में चलाना आसान हो जाता है। सुपर एसएमएस अकेली ऐसी मशीन है जो पराली जलाने के रुझान को ख़त्म करन की क्षमता रखती है क्योंकि दूसरी बिजाई मशीनें खेत में मौजूद अवशेषों को जोतते समय गेहूँ की सीधी बिजाई कर देती हैं।

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