जालंधर, (विशाल/रोजाना आजतक)-जिन लोगों ने शहर में अलग-अलग विकास प्रोजेक्टों के दौरान एक्वायर की गई ज़मीन का मुआवज़ा अभी तक नहीं लिया, उनको आखिरी मौका देते हुए जालंधर प्रशासन ने ऐसे सभी भूमि मालिकों से अपना मुआवजा प्राप्त करने के लिए कहा है। डिप्टी कमिश्नर जालंधर घनश्याम थोरी ने बताया कि पिछले कुछ समय दौरान जिले में दो महत्वपूर्ण प्राजैकट आरंभ किये गए थे, जिन में जालंधर -पानीपत राज मार्गों को छह मार्गी और जालंधर -होशियारपुर रोड को चार मार्गी करना शामिल है। थोरी ने बताया कि जालंधर-पानीपत को छह मार्गी करने से सम्बन्धित मुआवज़ा 23 फरवरी 2010 को और जालंधर-होशियारपुर राजमार्ग सम्बन्धित मुआवज़ा 24 जून 2015 को दिया गया था।डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि सरकार की तरफ से एक्वायर की गई ज़मीन का मुआवज़ा ज़मीन मालिकों को बाकायदा दिया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि बहुत से ज़मीन मालिकों ने अपनी ज़मीन के बदले मुआवज़ा प्राप्त कर लिया था परन्तु उनमें से कुछ मुआवज़े का लाभ लेने के लिए आगे नहीं आ रहे थे। थोरी ने कहा कि जिन को मुआवज़ा नहीं लिया वह 60 दिनों के भीतर ज़मीन प्राप्ति के लिए समर्थ अथारटी के पास इस सम्बन्धित आवेदन दे सकते हैं और इसमें असफल रहने पर मियाद ख़त्म होने के बाद ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया जायेगा।उन्होंने कहा कि निर्धारित समय के भीतर मुआवज़ा राशि प्राप्त करने में किसी भी असफलता की ज़िम्मेदारी मालिक की होगी और यह रकम अदा की हुई मान ली जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि मुआवज़ा नहीं लिया जाता तो भी सम्बन्धित ज़मीन का कब्ज़ा ले लिया जायेगा क्योंकि मुआवज़े का ऐलान होने के बाद ज़मीन पर अधिकार केंद्र सरकार का है।