डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में ममता बनर्जी और पुलिस से कहां हुई गलती

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और कोलकाता पुलिस लगातार निशाने पर है. दोनों के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. इस मामले में जिस तरह ममता बनर्जी सरकार और कोलकाता पुलिस ने शुरू में लीपापोती की कोशिश की, उससे उनकी कार्यशैली पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. मंगलवार (20 अगस्त 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में ममता बनर्जी को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान ममता सरकार और कोलकाता पुलिस से कई सवाल भी पूछे. आइए जानते हैं कि आखिर ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस से इस मामले में कहां-कहां गलती हुई. इस केस में ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस की ओर से सबसे बड़ी गलती ये हुई कि घटना वाले दिन इसे आत्महत्या करार दिया गया, जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ हुआ कि डॉक्टर की रेप के बाद हत्या की गई है. यही नहीं, डॉक्टर के माता-पिता को उनकी बेटी का शव देखने के लिए अस्पताल में तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार कराया गया. पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार करने का दबाव बनाया.

मामले में पुलिस ने शुरू से लापरवाही की. सबसे पहले तो पीड़िता की डायरी का एक पन्ना गायब मिला था, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि इसमें महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती थी. इसके अलावा ममता बनर्जी की ओर से पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई, लेकिन पीड़िता के पिता ने इसे अपमान बताया.

 

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