जालंधर, पुलिस आयुक्त श्री स्वपन शर्मा के नेतृत्व में जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने नशे की बुराई के खिलाफ अभियान जारी रखते हुए मंगलवार को वर्ष 2023 और 2024 के दौरान दर्ज नशे के 318 लंबित मामलों का निपटारा करते हुए इन वर्षों के दौरान भारी मात्रा में बरामद की गई नशीली दवाओं को नष्ट कर दिया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस आयुक्त ने बताया कि नशे के खिलाफ जारी युद्ध के दौरान पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ 318 मामले दर्ज किए और बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किए। उन्होंने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 52ए के तहत ड्रग निस्तारण समिति द्वारा केस संपत्ति को नष्ट कर दिया जाता है। स्वपन शर्मा ने बताया कि एक्ट के तहत आज कमिश्नरेट पुलिस जालंधर में गठित ड्रग डिस्पोजल कमेटी ने वर्ष 2023 और 2024 के दौरान तस्करों से जब्त की गई दवाओं को नष्ट कर दिया है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आज नष्ट किए गए नशीले पदार्थों में 327.12 किलो पोस्त, 8.483 किलो हेरोइन, 0.471 किलो स्मैक, 3.275 किलो चरस, 23.295 किलो गांजा, 1.27 लाख नशीली गोलियां, 4815 कैप्सूल और 4.078 किलो पाउडर शामिल हैं। जिले से नशाखोरी को खत्म करने के लिए कमिश्नरेट पुलिस की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस इस जघन्य अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। श्री स्वपन शर्मा ने कहा कि मानवता के खिलाफ इस अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कमिश्नरेट पुलिस द्वारा बख्शा नहीं जाएगा।पुलिस आयुक्त ने कहा कि एक तरफ नशे की सप्लाई को रोकने और दूसरी तरफ इसे जड़ से खत्म करने के लिए कमिश्नरेट पुलिस द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य फोकस जालंधर की इस अभिशाप से मुक्ति सुनिश्चित करने पर है और इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और इस संकट को खत्म करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच, श्री स्वपन शर्मा ने नशे के खिलाफ वित्तीय युद्ध में आम लोगों से पूर्ण समर्थन और सहयोग मांगा और कहा कि जालंधर को नशा मुक्त जिला बनाने का मिशन जन समर्थन के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है।