नई दिल्ली, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की सिफारिश के बाद महुआ की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई थी. दरअसल, महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगे थे. साथ ही महुआ पर अपने दोस्त हीरानंदानी को संसद की लॉगइन आईडी और पासवर्ड शेयर करने का भी आरोप लगा था. एथिक्स कमेटी ने इन आरोपों को सही बताया था. संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट में महुआ के खिलाफ आरोपों को गंभीर बाताया था और कार्रवाई की मांग की थी. साथ ही संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. इस रिपोर्ट पर चर्चा के बाद यह ध्वनिमत से पारित हो गई थी. स्पीकर ओम बिरला ने कहा था, यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है.