जिला अदालत में कैदी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई

जालंधर, पंजाब कानूनी सेवाएं अथारिटी के निर्देशानुसार जिला एवं सैशन न्यायाधीश-कम-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण निरभऊ सिंह गिल के कुशल मार्गदर्शन में, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा सामाजिक सेवा संगठन “हरिया चिडीयां” के सहयोग से गुरुवार को जिला न्यायालय में बंदी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए सामान की प्रदर्शनी लगाई गई।

पंजाब कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाए गए अभियान “जेल के कैदियों के लिए व्यावसायिक साक्षरता” के दौरान, विभिन्न सामाजिक सेवा संगठनों और सरकारी संस्थानों द्वारा सेंट्रल जेल कपूरथला में कैदियों को व्यावसायिक साक्षरता प्रदान की गई।
प्रदर्शनी में पुराने कपड़े, पुराने फूल, बेकार कांच, बेकार कागज और सामाजिक सेवा संगठन हरिया चिडीया द्वारा इको-प्रोडक्शन के माध्यम से उत्पादित घरेलू सामान जैसे बैग, शगुन कार्ड, लैंप आदि का प्रदर्शन किया गया। जजों, वकीलों, स्टाफ और आम जनता ने दिवाली के मद्देनजर ये सामान खरीदा।
यहां बता दें कि यह उपकरण हरिया चिडीयां संस्था और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जेल में महिला कैदियों को प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया है, ताकि महिला कैदी सजा काटने के बाद बाहर आकर स्वरोजगार शुरू कर सकें।
इस अवसर पर जिला एवं सैशन न्यायाधीश-कम-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार निरभऊ सिंह गिल ने कहा कि यह जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं सामाजिक सेवा संगठन हरिया चिडीया का संयुक्त प्रयास है। इस प्रयास से सजा काटने के बाद इन बंदी महिलाओं की आजीविका आसान हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत जरूरतमंद व्यक्ति निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते है और इसके लिए वे विभाग के टोल फ्री नंबर-1968 पर भी संपर्क कर सकते है।
इस अवसर पर सीजेएम-कम-सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डा. गगनदीप कौर ने पीड़ित मुआवजा योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के आश्रित परिवारों, यदि किसी अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, तो वे मुआवजे के लिए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालयों से संपर्क किया जा सकता है। यदि ऐसे मामलों में आरोपियों का नामित किया जाता है तो संबंधित अदालत में मुआवजे के लिए आवेदन किया जा सकता है।
इसके अलावा, बलात्कार पीड़िताएं और पोकसो अधिनियम के तहत पीड़ित महिलाएं/बच्चे नालसा अपराध पीड़ित योजना के तहत मुआवजे की मांग कर सकते हैं। इस मौके पर हरिया चिडीयां संस्था से रमनप्रीत कौर, वकील सेहबान और स्टाफ भी मौजूद था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *