बिहार समेत पूरे देश में टमाटर के भाव आसमान छू रहे हैं। भारत में लगातार बढ़ रहे टमाटर की कीमत से नेपाल के सीमावर्ती इलाकों सटे जिलों के लोग चीन के टमाटर का स्वाद चखने लगे हैं। इंडो -नेपाल बॉर्डर के आसपास टमाटर की तस्करी हो रही है। कैरेट में भरकर नो मैंस लैंड के रास्ते सीमांचल के इलाकों में लगातार चीन का टमाटर लाकर खपाया जा रहा है। नेपाल में चाइनीज टमाटर की कीमत नेपाली एक सौ रुपये में पांच किलो है, जबकि पूर्णिया की खुश्कीबाग मंडी में अच्छी क्वालिटी के टमाटर की कीमत सौ से डेढ़ सौ रुपये प्रतिकिलो है। जो भारत में सौ रुपये किलो तक बिक जाता है। इस बाबत इंडो – नेपाल बॉर्डर अररिया जिले के फुलकाहा बॉर्डर के समीप ड्यूटी पर तैनात एसएसबी के जवानों ने बताया कि टमाटर की बढ़ती कीमत के साथ ही सीमाई इलाकों पर पैनी निगाह रखी जा रही है। नो मैंस लैंड एरिया पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है।
दरअसल, भारतीय क्षेत्रों में रोज बढ़ रही टमाटर की कीमत के कारण चीन लगातार नेपाल में टमाटर की खेप भेज रहा है। जोगबनी बॉर्डर के समीप रानी हाट निवासी बिरजू थापा, आरजू गुरुंग और सब्जी विक्रेता सीता देवी का कहना है कि नेपाल के रानी बाजार में टमाटर पहले की तरह बिक रहा है। नेपाल के अधिकांश होटल, रेस्टोरेंट में खाने-पीने में चाइनीज आइटम की बिक्री अधिक होती है। इसमें टमाटर की उपयोगिता बहुत ज्यादा है। रानी के दुकानदार ने बताया कि चीन से महज पांच रुपये किलो में टमाटर मिल रहा है। भारतीय क्षेत्रों टमाटर की तस्करी होने से अब नेपाल में धीरे-धीरे टमाटर की कीमतों में इजाफा होने लगा है।
चीन सीमाईं इलाकों के बाजार पर पैनी नजर रखता है। इस इलाके में जिस भी सामान की अधिक डिमांड होती है, उसे चीन नेपाल के माध्यम से सप्लाई करने का काम शुरू कर देता है। टमाटर के मामले में भी यही तरीका चीन अपना रहा है। विराटनगर व्यापार संघ के सदस्य राजेश कुमार शर्मा कहते हैं कि नेपाल द्वारा सीमाई इलाकों पर काफी पैनी नजर रखी जा रही है। नेपाल में कंटेनर से लगातार टमाटर आ रहा है। यही वजह है कि नेपाल में सस्ते टमाटर की तस्करी सीमाई इलाकों में होने लगी है।