CHANDIGARH : पंजाब वारिस दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। मोगा पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी के साथ ही पिछले 36 दिनों से जारी लुका छिपी का खेल भी खत्म हो गया है। अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार था जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में लगाताक छापेमारी कर रही थी। देशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया था। इस ऑपरेशन में कई राज्यों की पुलिस ने पंजाब पुलिस का साथ दिया औऱ बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया।
इस ऑपरेशन के दौरान अमृतपाल सिंह के कई बड़े सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अमृतपाल सिंह के राइट हैंड पप्पलप्रीत से लेकर मुख्य सहयोगी जोगा सिंह तक अमृतपाल सिंह के सभी साथियों को गिरफ्तार किया गया है। 20 मार्च को उसके चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर ने सरेंडर कर दिया था। दरअसल अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद से ही अलग-अलग जगहों से उसके सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे। 20 मार्च को भी एक क्लिप सामने आई थी जो कुरुक्षेत्र की थी। इसके बाद 20 मार्च को ही एक और वीडियो में उसे शाहाबाद बस स्टैंड के सामने चलते हुए देखा गया था।
इसके बाद इसी दिन हरजीत सिंह और अमृतपाल सिंह के ड्राइवर ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इसके अलावा अमृतपाल सिंह के एक और सहयोगी दलजीत कलसी को भी पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जानकारी के मुताबिक कलसी अमृतपाल का खास सहयोगी होने के साथ-साथ उसका सलाहकार भी था। इसके बाद 10 अप्रैल को पंजाब पुलिस को एक और बड़ी कामयाबी मिली थी। उस वक्त पुलिस ने होशियारपुर से अमृतपाल सिंह के राइटहैंड पप्पलप्रीत को गिरफ्तार किया था। पंजाब पुलिस ने पप्पलप्रीत सिंह को गिरफ्तार करने के लिए संयुक्त अभियान चलाया था। लगातार तीन दिनों के सर्च ऑपरेशन के बाद उसे दसूया क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।
इसके बाद 15 अप्रैल को पुलिस ने अमृतपाल के एक और बड़े सहयोगी जोगा सिंह को गिरफ्तार कर लिया। अमृतसर औऱ होशियारपुर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन चलाकर सरहिंद से जोगा सिंह को गिरफ्तार किया था। जोगा सिंह वहीं शख्स है जिसने अमृतपाल को पीलीभीत में छिपने में मदद की थी। अब 23 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है।