पश्चिमी देशों को करना पड़ सकता है तेल की कीमतों में 300 डॉलर प्रति बैरल से अधिक का सामना

MASCOW : रूस के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि पश्चिमी देशों को तेल की कीमतों में 300 डॉलर प्रति बैरल से अधिक का सामना करना पड़ सकता है और रूस-जर्मनी गैस पाइपलाइन के बंद होने का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे किसी भी प्रतिबंध का ग्‍लोबल मार्केट पर बड़ा असर दिखेगा। रूस की ग्‍लोबल क्रूड सप्‍लाई में 8 फीसदी जबकि यूरोप को सप्‍लाई में 30 फीसदी हिस्‍सेदारी है। अमेरिका ने पिछले दिनों कहा था कि हम यूरोपीय यूनियन के साथ मिलकर रूस की क्रूड सप्‍लाई रोक देंगे। इसके बाद ग्‍लोबल मार्केट में क्रूड 139 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया था।
नोवाक ने यूरोपीय देशों को चेतावनी देते हुए कहा, रूस की एनर्जी सप्‍लाई पर प्रतिबंध लगाने की सोचना भी नहीं, वरना हम जर्मनी को होने वाली गैस पाइपलाइन सप्‍लाई को बंद कर देंगे। अगर यूरोप हमसे तेल खरीद बंद करना चाहता है तो उसे इसकी भरपाई करने में एक साल से ज्‍यादा समय लगेगा। इस दौरान महंगा तेल खरीदने के लिए भी तैयार रहना होगा।
नोवाक ने कहा कि यूरोपीय देशों को अपने हित के बारे में सोचना चाहिए। हम तो पहले से ही ऐसी स्थिति के लिए तैयार बैठे हैं। अगर हमारी सप्‍लाई वहां प्रभावित होगी तो हम अन्‍य मार्केट में सप्‍लाई शुरू कर देंगे। यूरोप हमसे अपनी जरूरत का 40 फीसदी गैस खरीदता है। हमारी आपूर्ति बंद होने से इसकी भरपाई कैसे करेंगे। फिलहाल हम ऐसा कोई प्रतिबंध लगाने की नहीं सोच रहे, लेकिन यूरोप आगे बढ़ेगा तो हम भी मजबूर हो जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *