NEW DELHI : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस द्वारा संघवाद पर बार बार सवाल उठाए जाने को लेकर उस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि उसे अपना नाम ‘इंडियन नेशनल कांग्रेस’ से बदल कर ‘फेडरेशन आफ कांग्रेस’ कर लेना चाहिए। मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर ग्यारह घंटे तक हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कांगेस को ‘नेशन’ पर आपत्ति है यानि ‘नेशन’ उसकी संकल्पना में गैर संवैधानिक है। उन्होंने कहा कि इंडियन नेशनल कांग्रेस को उसका नाम बदल कर ‘फेडरेशन आफ कांग्रेस’ कर लेना चाहिए। कांग्रेस के सदस्य जब इसका कड़ा विरोध कर सदन से जाने लगे तो प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सिर्फ सुनाना ही नहीं होता है सुनना भी होता है। सालों तक उपदेश देने की आदत के कारण कांग्रेस को बातें सुनने में मुश्किल हो रही है।
मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की इच्छा के अनुसार, अगर कांग्रेस ना होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। भारत विदेशी चश्मे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता। इमरजेंसी का कलंक ना होता। अगर कांग्रेस ना होती तो दशकों तक भष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता। कांग्रेस ना होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी ना होती। सिखों का नरसंहार ना होता। सालों-साल पंजाब आतंकी आग में ना जलता। कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत नहीं आती। कांग्रेस ना होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं ना होती। देश के सामान्य इंसान को घर, सड़क, बिजली, पानी शौचालय मूल सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार करना नहीं पड़ता। मोदी ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने कहा था कि प्रशासनिक सुविधा के लिए राज्यों में बांटा जा सकता है लेकिन देश अभिन्न रूप से एक है। मोदी ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि हवाईअड्डे पर मामूली बातों के लिए मुख्यमंत्री को हटा दिया जाता था। आन्ध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री टी अंजैया के साथ ऐसा हुआ था