CHANDIGARH : पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी की ओर से आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने और कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए मिलकर संघर्ष करने पर सहमति जताई। वहीं बैठक का भारतीय जनता पार्टी ने बहिष्कार किया। बैठक के बाद सीएम चन्नी तथा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को संबोधित किया। इस मौके पर दोनों उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी तथा सुखजिंदर रंधावा, वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा मौजूद रहे।
चन्नी ने कहा कि बैठक में सभी दलों ने सरकार के साथ बीएसएफ तथा कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर एकजुटता दिखाते हुए सड़क से लेकर संसद तक के संघर्ष में पूरा सहयोग तथा समर्थन देने पर सहमति जताई। अच्छे माहौल में बैठक हुई। हम केन्द्र से बीएसएफ के मसले पर मिलने की काशिश करेंगे। इससे पहले हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा लेकिन अबतक इसका कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र हमारी नहीं सुनता तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इनको रद्द कराया जाएगा और जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे लेकिन पंजाब के हकों की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि हम ओहदे से लेकर हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार हैं लेकिन पंजाब की स्वायत्तता को बनाये रखने के लिए हर कदम उठायेंगे। चन्नी ने बैठक में भाग लेने वाले सभी पार्टियों के नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन सभी ने पंजाब की लड़ाई मिलकर लड़ने का भरोसा दिया लेकिन पंजाब के हितों को डूबने नहीं देंगे। दोनों प्रस्ताव बीएसएफ तथा कृषि कानूनों को रद्द किए जाने पर आम सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने पहले ही आतंकवाद का संताप झेला और अब किसी हालात में भी उसे पुनजीर्वित नहीं होने देंगे। राज्य की कानून व्यवस्था को चुनाव के समय कंट्रोल करने का प्रयास है। यह अलोकतांत्रिक है और लड़ाई लड़नी पड़ेगी ।