पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला लिया है। पंजाब सरकार के इस फैसले को आने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। पंजाब सरकार ने सूबे के 53 लाख परिवारों के बकाया बिजली बिल माफ करने का ऐलान किया है। इससे सरकार पर करीब 1200 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यही नहीं, बिल नहीं भरने पर काटे गए एक लाख कनेक्शन भी बिना किसी फीस के जोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने यह फैसला उस वक्त लिया है, जब बिजली को मुद्दा बनाने वाले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब के दौरे पर हैं। जिससे कांग्रेस की नई चरणजीत चन्नी सरकार ने केजरीवाल से बिजली मुद्दा छीनने की कोशिश की है। आपको बता दें कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने अपनी पहली गारंटी में पंजाब के घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कही थी। CM चरणजीत चन्नी की सरकार ने AAP के इस चुनावी वादे को बड़ा झटका दिया है।
80% परिवारों को मिलेगा फायदा: मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा कि पंजाब में बिजली बिलों की बड़ी समस्या है। कई सालों से लोगों के बिल बकाया हैं। ज्यादातर बकाया बिल 2 किलोवाट तक लोड वालों के हैं। जिसके दायरे में पंजाब में 53 लाख परिवार आते हैं। उन्होंने कहा कि अब इनके जो भी बकाया बिल है, सब माफ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पंजाब के कुल 72 लाख उपभोक्ताओं में से 80% को फायदा मिलेगा। इसके लिए लोकल लेवल पर अफसरों और जनप्रतिनिधियों की कमेटी बनाई जाएगी। आने वाले बिल में भी उन्हें रियायत दी जाएगी।
पंजाब से रेत माफिया खत्म करेंगे: चरणजीत चन्नी ने कहा कि पंजाब में रेत माफिया खत्म करने के लिए करीब हफ्ते बाद ही फैसला आ जाएगा। इसके लिए हम दिन-रात लगे हुए हैं। पुराने नेक्सस को तोड़कर इसे खत्म किया जाएगा। पिछली कैबिनेट के बाद चन्नी ने कहा था कि अब मालिक ही खेत से रेत निकालकर बेच सकेगा। हालांकि इसके खिलाफ माइनिंग ठेकेदार हाईकोर्ट पहुंच गए। वहां सरकार ने कहा कि हम कोई टेंडर रद्द नहीं कर रहे। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से एफिडेविट मांगा है। सरकार इसके लिए कोई नई पॉलिसी ला सकती है।