स्वतंत्रता के 75 साल गुजर जाने के बावजूद आज भी ऐसे मामले सामने आते हैं जहां दशकों तक मुकदमेबाजी चलती है। फैसला आते-आते एक पक्ष काल के गाल में समा जाता है, मगर जीते जी न्याय नहीं हो पाता। इसका दोष अक्सर जजों की कमी को दिया जाता है। काफी देर बाद ही सही, इस दिशा में तेजी नजर आ रही है। यह बदलाव केंद्रीय विधि मंत्री किरण रिजीजू के मातहत आया है। ऐसा भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना भी मानते हैं। उन्होंने रिजीजू का शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट जजों की नियुक्ति के लिए नौ नाम महज छह दिन में बिना किसी कानाफूसी के क्लियर कर दिए। रमना ने कहा कि हाई कोर्ट कोर्ट में खाली पड़े कम से कम 90% पद अगले महीने तक भर जाएंगे।