NEW DELHI : आम जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिल सकती है। जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमत कम हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और रूस की अगुवाई में सहयोगी देशों ने बुधवार को धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाने को लेकर सहमति जताई है। कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार और ईंधन मांग में तेजी आने की वजह से यह फैसला लिया गया है। दरअसल पिछले साल लॉकडाउन और यात्रा पाबंदियों की वजह से ईंधन की मांग में आई कमी के चलते ओपेक और सहयोगी देशों ने उत्पादन में कटौती की थी। लेकिन अब यह धीरे-धीरे बढ़ सकती है। समूह ने अक्तूबर से राजाना 4,00,000 बैरल तेल उत्पादन जोड़ने की योजना पर सहमति जताई। मालूम हो कि न्यूयॉर्क मर्केन्टाइल एक्सचेंज में तेल की कीमत 1.6 फीसदी घटकर 67.40 डॉलर प्रति बैरल रही। वहीं वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड 1.4 फीसदी घटकर 70.67 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है।
जुलाई में ओपेक देशों ने कहा था कि अगस्त से उत्पादन में हर माह दैनिक 4,00,000 बैरल की बढ़ोतरी की जाएगी और इस तरह इस समय लागू 58 लाख बैरल/दैनिक की कटौती धीरे-धीरे 2022 के अंत तक समाप्त हो जाएगी।